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Chapter 3 देव ( सवैया ,कवित्त)

Class 10th हिन्दी क्षितिज भाग -2


कक्षा 10 की एनसीईआरटी पुस्तक "क्षितिज भाग 2" देव (सवैया, कवित्त)

कक्षा 10 की एनसीईआरटी हिंदी पाठ्यपुस्तक "क्षितिज भाग 2" में कवि देव के सवैया और कवित्त शामिल हैं, जो उनके काव्य कौशल और भाषा पर उनकी अद्वितीय पकड़ को दर्शाते हैं। देव (देव कृष्ण भट्ट) रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक थे, और उनकी रचनाएँ शृंगारिक और नायिका-भेद वर्णन के लिए जानी जाती हैं।

सवैया और कवित्त:

सवैया और कवित्त हिंदी काव्य की विशेष छंद शैलियाँ हैं। सवैया एक विशेष छंद है जिसमें चार चरण होते हैं और प्रत्येक चरण में 11, 13, 15, या 17 मात्राएँ होती हैं। वहीं, कवित्त में चार पंक्तियाँ होती हैं, और यह अलंकारों और भावों की अभिव्यक्ति में विशेष रूप से प्रभावी होता है।

देव के सवैया और कवित्त में नायिका भेद, प्रकृति चित्रण, और शृंगार रस का अत्यंत सुंदर और सजीव चित्रण मिलता है। देव की रचनाओं में भाषा की सरलता, प्रवाह, और भावप्रवणता प्रमुख हैं। उनकी रचनाएँ न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे हिंदी काव्य के शास्त्रीय रूपों का भी उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

महत्त्व:

देव के सवैया और कवित्त का यह चयन छात्रों को रीतिकालीन काव्य की जटिलता, सौंदर्य, और काव्य शैलियों से परिचित कराता है। इसके माध्यम से उन्हें उस युग की साहित्यिक प्रवृत्तियों, समाज की रुचियों, और साहित्यिक रसों का गहन ज्ञान प्राप्त होता है। यह पाठ भाषा, साहित्य, और संस्कृति की शिक्षा के साथ-साथ हिंदी काव्य की पुरानी परंपराओं से भी जुड़ने का अवसर प्रदान करता है।